चाहे लाख तूफ़ान आये-प्यार झुकता नहीं १९८५
घबराता नहीं है. उसे डराने के लिए तरह तरह के
सामान मौजूद हैं मगर प्रेमियों में एक अटूट बंधन
और विश्वास पैदा हो जाता है जिससे उन्हें शक्ति
मिलती है प्यार के दुश्मनों का सामना करने की.
सनते हैं सन १९८५ की मिथुन और पद्मिनी वाली
फिल्म प्यार झुकता नहीं से एक युगल गीत जिसे
लता मंगेशकर संग शब्बीर कुमार ने गाया है.
एस एच बिहारी के बोल हैं और लक्ष्मी प्यारे का
संगीत. फिल्म को लक्ष्मी प्यारे की सबसे सफल
फिल्मों में गिना जाता है.
बोल लिखने के हिसाब से ये भी कठिन गाना है.
कहीं पे हो कहीं पे हो. गीत की पंक्तियाँ सब जगह
अलग अलग सी हैं.
गीत के बोल:
मोहब्बत की तड़प ए दिल
इधर भी हैं उधर भी हैं
कहें कैसे यही मुश्किल
इधर भी हैं उधर भी है
चाहे लाख तूफां आयें
चाहे जान भी अब जाये
मुश्किल हो जीना फिर भी
पड़े जहर पीना फिर भी
मिल के न होंगे जुदा जुदा
आ कसम खा लें ये
चाहत रहेगी सदा
आ आ कसम खा लें
चाहे लाख तूफां आयें
चाहे लाख तूफां आयें
चाहे जान भी अब जाये
मुश्किल हो जीना फिर भी
पड़े जहर पीना फिर भी
मिल के न होंगे जुदा जुदा
आ कसम खा लें ये
चाहत रहेगी सदा
आ आ कसम खा लें
हमको तुम्हारे सिवा कोई चीज़ प्यारी नहीं
हमको तुम्हारे सिवा कोई चीज़ प्यारी नहीं
ज़िन्दगी के सफ़र में जरुरत पड़ी जो कहीं
है वादा तुमको छू कर के हँसते हँसते तुम पर
कर देंगे जान फ़िदा
आ कसम खा लें
कर देंगे जान फ़िदा फ़िदा
आ कसम खा लें
मिल के न होंगे जुदा
आ आ कसम खा लें
कदम हैं तुम्हारे जहाँ मेरी मंज़िलें हैं वहां
कदम हैं तुम्हारे जहाँ मेरी मंज़िलें हैं वहां
तुम्हीं तुम हो दुनिया मेरी मेरे प्यार का आसमां
सनम अब दिल पर अपने सितम हो चाहे जितने
न छोड़ेंगे राह-ए-वफ़ा
आ आ कसम खा लें
न छोड़ेंगे राह-ए-वफ़ा वफ़ा
कसम खा लें
मिल के न होंगे जुदा
आ आ कसम खा लें
ठहर जायें दो चार पल समय से कह दो ज़रा
ठहर जायें दो चार पल समय से कह दो जरा
तुम्हारी मुलाकात से अभी दिल नहीं है भरा
अभी दिल नहीं है भरा अभी दिल नहीं है भरा
ना बदले कभी ये फ़ज़ा
आ आ कसम खा लें
ना बदले कभी ये फ़ज़ा फ़ज़ा
कसम खा लें
मिल के न होंगे जुदा
आ आ कसम खा लें
ये चाहत रहेगी सदा सदा
आ आ कसम खा लें
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Chahe laakh toofan aaye-Pyar jhukta nahin 1985
Artists: Mithun Chakravorty, Padmini Kolhapure
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