Showing posts with label Maryada. Show all posts
Showing posts with label Maryada. Show all posts

Jan 3, 2017

गुस्सा इतना हसीन है-मर्यादा १९७१

फिल्म मर्यादा में तीन गायकों के ऐसे तीन गीत हैं जो लोकप्रिय हैं.
मुकेश और रफ़ी के गाये गीत आप सुन चुके हैं अब सुनते हैं
किशोर कुमार का गाया तेज गति वाला गीत. इस गीत का अगर
पहला शब्द होता-बिल्ली तो गीत कुछ यूँ होता-ब ब ब ब बिल्ली.

आनंद बक्षी का लिखा गीत जिसकी तर्ज़ कल्याणजी आनंदजी ने
बनाई है. राजेश खन्ना और माला सिन्हा पर इस गीत को फिल्माया
गया है.  

गीत में एक जगह तौबा तौबा शब्द आते हैं. तीसरी बार तौबा किसने
बोला मुझे आज तक नहीं समझ आया, कुछ महमूद जैसी आवाज़ है.



गीत के बोल:

ग ग ग ग ग गुस्सा
गुस्सा इतना हसीन है तो प्यार कैसा होगा
ओ प्यार कैसा होगा
अरे ऐसा जब इनकार है तो इक़रार कैसा होगा
इक़रार कैसा होगा

पलकें पलकें उठी हुई सी हैं
आंखें झुकी हुई सी हैं
पलकें पलकें उठी हुई सी हैं
आंखें झुकी हुई सी हैं
दिलकश रसीले होठों पे
बातें रुकी हुई सी हैं
खामोशी
खामोशी ऐसी है तो इज़हार कैसा होगा
इज़हार कैसा होगा
ग ग गुस्सा इतना हसीन है तो प्यार कैसा होगा
ओ प्यार कैसा होगा

जान काजल अगर लगा लेती
पागल हमें बना देती
जान काजल अगर लगा लेती
पागल हमें बना देती
बिंदिया अगर लगा लेती घायल हमें बना देती
सादगी
सादगी में हुस्न है सिंगार कैसा होगा
सिंगार कैसा होगा
अरे गुस्सा इतना हसीन है तो प्यार कैसा होगा
ओ प्यार कैसा होगा.

देखूँ  देखूँ अगर तो घबराये
छू लूं अगर तो शरमाये
देखूँ अगर तो घबराये
छू लूं अगर तो शरमाये
छेड़ूं ज़रा सा तो हाय
मारे शरम के मर जाये
तौबा तौबा तौबा
तौबा ऐसा शर्मीला दिलदार कैसा होगा
दिलदार कैसा होगा
ग ग गुस्सा इतना हसीन है तो प्यार कैसा होगा
ओ प्यार कैसा होगा
..............................................................
Gussa itna haseen hai to-Maryada 1971

Artists: Rajesh Khanna, Mala Sinha

Read more...

Dec 18, 2014

मोहब्बत के सुहाने दिन-मर्यादा १९७१

विरह गीत हिंदी फिल्मों में कई रंगों वाले हैं. राजकुमार के हिस्से में भी कई
ऐसे गीत आये हैं. कल्याणजी आनंदजी अपने मुकेश के गाये गीतों की वजह
से आम आदमी द्वारा ज्यादा अच्छे से पहचाने जाते हैं. ये उनके संगीत स्कूल
से निकला नायाब हीरा है. गीत में मूड के मुताबिक संगीत में उतार चढाव
आते जाते मिलेंगे आपको. आनंद बक्षी ने इस गीत को लिखा है. सुना जाता
है कि इस गीत को राग चारुकेशी के स्वर समूहों के आधार पे बनाया गया है.

 

गीत के बोल: 

मोहब्बत के सुहाने दिन जवानी की हसीँ रातें
जुदाई में नज़र आती हैं ये सब ख़्वाब की बातें
मोहब्बत के सुहाने दिन

ये तन्हाई नहीं थी इस जगह थी प्यार की महफ़िल
तेरे ग़म से गले मिलकर जहाँ अब रो रहा है दिल
यहीं हँस हँस के होती थीं कभी अपनी मुलाकातें

मोहब्बत के सुहाने दिन

मेरे मायूस होंठों पे तेरे ग़म की कहानी है
कहानी ये नहीं ग़म की उल्फ़त की निशानी है
ये आँसू और ये आहें मोहब्बत की सौग़ातें

मोहब्बत के सुहाने दिन

न ऐसे दिल तड़पता था ना मैं ऐसे तरसता था
इसी गुलशन में देखो तो कभी सावन बरसता था
इसी वादी में अब होने लगीं अश्क़ों की बरसातें

मोहब्बत के सुहाने दिन

पता मैं पूछता फिरता हूँ तेरा इस ज़माने से
हुआ क्या हाल इस दिल का तेरे इक दूर जाने से
जनाज़े बन गई इस दिल के अरमानों की बारातें

मोहब्बत के सुहाने दिन जवानी की हसीँ रातें
जुदाई में नज़र आती हैं ये सब ख़्वाब की बातें
मोहब्बत के सुहाने दिन
............................................................
Mohabbat ke suhane din-Maryada 1971

Read more...

Jun 8, 2011

ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई-मर्यादा १९७१

चली आई, कौन ? वही भूली दास्तान ख्यालों में फिर से। फिर वो
भूली सी याद आई है, आई ज़रूर है मगर मुकेश के गीत की शक्ल
में।

आज मुकेश का एक अमर गीत सुना-वक़्त करता जो वफ़ा तो दिल
भारी सा हो आया और इसी गफलत और सिलसिले में एक और दर्द
भरा गीत याद आया ।

आइये सुनें राजेश खन्ना के ऊपर फिल्माया गया मुकेश का गाया
खूबसूरत गीत जो फिल्म मर्यादा(१९७१) से लिया गया है। मुकेश
के इस लोकप्रिय गीत के बोल लिखे हैं आनंद बक्षी ने और धुन
बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने।



गीत के बोल:

ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले खिजां चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई

ख़ुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े
ख़ुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े
मेरा नसीब की मेरे क़दम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई

ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई

उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है
उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है
न हमसफ़र है कोई और न कोई मंज़िल है
ये ज़िंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई

ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले खिजान चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
...............................
Zuban pe dard bhari dastaan-Maryada 1971

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP