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May 30, 2016

तेरी शहनाई बोले–गूँज उठी शहनाई १९५९

ऐसे गीत जिनमें किसी वाद्य यन्त्र का नाम आता हो उनमें से एक
है आज का गीत. इसमें शहनाई नामक साज़ का जिक्र हो रहा है.
फिल्म के कहानी ही शहनाई के इर्द गिर्द घूमती है.

अमिता और राजेंद्र कुमार इसे परदे पर गा रहे हैं. पार्श्वगायन है
लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी का. गीत है भारत व्यास का,
संगीत वसंत देसाई का.





गीत के बोल:

तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
बादल घिर-घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे

बैरी बन के ये दुनिया खड़ी है
मेरे पाँवों में बेड़ी पड़ी है
किन घड़ियों में अँखियाँ लड़ी हैं
बारों महीने सावन की झड़ी है
इक पल मुखड़ा दिखा जा
दिल का दुखड़ा मिटा जा
तुझ बिन सूना-सूना, मेरा है जहान रे

तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे

आजा कब से मैं तुझको बुलाऊँ
तेरे प्यार के सपने सजाऊँ
जिया चाहे के उड़ के मैं आऊँ
पिया पंख कहाँ से मैं लाऊँ
मैं यहाँ, तू वहाँ
बीच में है जहां
कैसे पूरे हो अब अरमान रे

बादल घिर-घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
………………………………………………………….
Teri shehnai bole-Goonj uthi shehnai 1959

Artists-Rajendra Kumar, Amita

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Apr 22, 2016

कह दो कोई ना करे यहाँ प्यार-गूँज उठी शहनाई १९५९

विजय भट्ट निर्देशित फिल्म गूँज उठी शहनाई एक एक एक
गीत नायब हीरा है संगीत के खजाने का. आज सुनते हैं रफ़ी
की आवाज़ में टॉप क्लास दर्द भरा गीत. विजय भट्ट ने इससे
पहले एक पीरियड फिल्म पटरानी(५६) का निर्माण किया था जो
ज्यादा चली नहीं. फिल्म अलबत्ता अच्छे गीतों से भरी पड़ी है.
सन १९५२ की बैजू बावरा तो शायद उनके निर्देशन कैरियर
की सबसे बड़ी हिट फिल्म रही.

गूँज उठी शहनाई उल्लेखनीय होने की वजह है एक-उस समय
न तो राजेंद्र कुमार कोई बड़े सितारे थे ना ही फिल्म की नायिका
अमीता. राजेंद्र कुमार के कैरियर को तो पंख लग गए फिल्म के
बाद, अमीता को कुछ खास फायदा न हुआ.

गीत है भरत व्यास का और इसकी धुन बनाई है वसंत देसाई
ने.



गीत के बोल:

बिखर गए बचपन के सपने
अरमानों की शाम ढले
कहीं सजे बारात किसी की
कहीं किसी का प्यार जले

कह दो कोई न करे यहाँ प्यार
इसमें ख़ुशियाँ हैं कम, बेशुमार हैं ग़म
इक हँसी और आँसू हज़ार
कह दो कोई न करे यहाँ प्यार

प्रीत पतंगा दिये से करे
उसकी ही लौ में वो जल-जल मरे
मुश्किल राहें यहाँ, अश्क और आहें यहाँ
इसमें चैन नहीं, ना करार
कह दो कोई न करे यहाँ प्यार

हमने तो समझा था फूल खिले
चुन-चुन के देखा तो काँटे मिले
ये अनोखा जहां, हरदम धोखा यहाँ
इस वीराने में कैसी बहार

कह दो कोई न करे यहाँ प्यार
इसमें ख़ुशियाँ हैं कम, बेशुमार हैं ग़म
इक हँसी और आँसू हज़ार
कह दो कोई न करे यहाँ प्यार
.................................................................................
Keh do koi na kare yahan pyar-Goonj uthi shehnai 1959

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Feb 28, 2016

दिल का खिलौना हाय टूट गया गूँज उठी शहनाई १९५९

एक उच्च कोटि का दर्द भरा गीत जो किसी भी प्रकार के
विवरण और सन्दर्भों का मोहताज़ नहीं है. फिल्म है १९५९
की गूँज उठी शहनाई. अमिता इसे परदे पर गा रही हैं .



गीत के बोल

टूट गया
टूट गया टूट गया
दिल का खिलौना हाय टूट गया
कोई लुटेरा आ के लूट गया
कोई लुटेरा आ के लूट गया, हाय
दिल का खिलौना हाय टूट गया

हुआ क्या क़ुसूर ऐसा सैंयाँ हमारा
जाते हुये जो तूने हमें ना पुकारा
उल्फ़त का तार तोड़ा
हमें मझधार छोड़ा
हम तो चले थे ले के तेरा ही सहारा
साथी हमारा हमसे छूट गया
कोई लुटेरा आ के लूट गया

दिल का खिलौना हाय टूट गया

कैसी परदेसी तूने प्रीत लगाई
चैन भी खोया हमने, नींद गँवाई
तेरा ऐतबार कर के
हाय इंतज़ार कर के
ख़ुशियों के बदले ग़म की दुनिया बसाई
ज़ालिम ज़माना हमसे रूठ गया
कोई लुटेरा आ के लूट गया

दिल का दिल का खिलौना हाय टूट गया
कोई लुटेरा आ के लूट गया
दिल का खिलौना हाय टूट गया
............................................................................
Dil ka khilona haye too gaya-Goonj uthi shehnai 1959

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Nov 2, 2015

हौले-हौले घूँघट पट खोले-गूँज उठी शहनाई १९५९

लौट के बुद्धू घर को आये. ये कहावत सोच समझ कर
बनायीं गयी है. ये क्या सभी कहावतें सोच समझ कर
बनायीं गयी हैं और ऐसी बनाई गयी हैं कि हर युग में
सटीक बैठती हैं. कहावतें समय के बंधनों से मुक्त हैं.

आइये सुनते हैं पुरानी सुपर डुपर हिट गूँज उठी शहनाई
से एक सुमधुर युगल गीत. आज के सारे गीत फेल हैं
ऐसे गीतों के आगे. भरत व्यास के बोल है और संगीत
है वसंत देसाई का.

घरेलू लड़की सी दिखने आली अभिनेत्री अमिता ने ज्यादा
हिंदी फ़िल्में नहीं कीं मगर जितनी भी की हैं उनमें उन्होंने
अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराई है. उन्हें मुख्य नायिका
की भूमिकाएं मिलना बंद हो गयीं बाद में जो समझ के
बाहर है. बॉलीवुड की कई बातें समझ में नहीं आती हैं.



गीत के बोल:

हौले-हौले घूँघट पट खोले
बलमवा बेदर्दी
हौले-हौले
ए माने ना  माने ना ज़ुल्मीं सैंयाँ
पकड़े बैंयाँ  हाय दैया
जिया मोरा डोले
हौले-हौले

भोले-भोले, हाय भोले-भोले
ज़हर काहे घोले नयनवा बेदर्दी
भोले-भोले
अरे देखो जी देखो जी दिल की चोरी
कर के गोरी, ये छोरी
मीठी-मीठी बोलें
भोले-भोले

बेदर्दी  बेदर्दी बेदर्दी
रूप कैसा दिया है तुझे राम ने
चाँद शरमाये गोरी तेरे सामने
किया हमको बदनाम तेरे नाम ने
मेरा दामन क्यों आये अब थामने
डालो ना, डालो ना
जादू का डोरा छलिया छोरा
मन मोरा खाये हिचकोले
हौले-हौले
भोले-भोले ज़हर काहे घोले नयनवा बेदर्दी
भोले-भोले

साजनिया, साजनिया, साजनिया
देखो आँखें मिलाओ देखभाल के
ज़रा समझो इशारे मेरी चाल के
लचकाओ कमर ये सम्भाल के
रख दोगी कलेजा निकाल के
झनन, झनन झाँझर झमके, बिजली चमके,
थम-थम के  भड़के दिल में शोले
भोले-भोले
हौले-हौले घूँघट पट खोले
बलमवा बेदर्दी
हौले-हौले
................................................................................
Haule hjaule ghoonghat pat khole-Goonj uthi shehnai 1959

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Oct 18, 2010

अँखियाँ भूल गयी हैं सोना-गूँज उठी शहनाई १९५९

अलौकिक संगीत वाली फिल्मों की तरफ चलते हैं। ये एक युगल
गीत है मस्ती भरा । इसे दो महान गायिकाओं ने गाया है-गीता दत्त
और लता मंगेशकर। महिला युगल गीत उतने चर्चित नहीं हैं जितने
पुरुषों के गाये हुए। ये गीत बहुत घिसा हुआ अर्थात बजा हुआ गीत
है और आज भी ताजा लगता है। गीत लिखा है कविवर भारत व्यास
ने और इसकी धुन बनाई है वसंत देसाई ने।

एक तो हैं नायिका अमीता दूसरी का नाम मुझे मालूम नहीं। मेरा
फ़िल्मी ज्ञान किंचित सीमित है। निवेदन है पाठकों से अगर कोई
इसे पहचान पाए तो नाम बतला दे ।


गीत के बोल:

हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ
हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

होए अखियाँ भूल गयी हैं सोना होय होय होय
दिल पे हुआ है जादू टोना हा हा
शेहनाई वाले तेरी शेहनाई रे करेजवा को
चीर गयी, चीर गयी, चीर गयी
होए अखियाँ भूल गयी हैं सोना,
दिल पे हुवा है जादू टोना
शेहनाई वाले तेरी शेहनाई रे करेजवा को
चीर गयी, चीर गयी, चीर गयी

होय अखियाँ भूल गयी हैं सोना

अब दिन यह कैसे गोरी आये,
कैसे गोरी आये
छुप छुप के मिलना मन भये,
मिलन मन भये
सखियों से काहे अब चोरी, काहे अब चोरी
बंध गयी रे प्रीत की डोरी, प्रीत की डोरी
कोई जुल्मी सांवरिया की तिरछी नजरिया
हो मार गयी मार गयी मार गयी
होए, अखियाँ भूल गयी हैं सोना,
दिल पे हुआ है जादू टोना
शेहनाई वाले तेरी शेहनाई रे कलेजवा को
चीर गयी, चीर गयी, चीर गयी

होए, अखियाँ भूल गयी हैं सोना

सखियाँ ना मारो मोहे ताने,
जिसको ना लागी वो क्या जाने
सखियाँ ना मारो मोहे ताने, अच्छा जी
जिसको ना लगी वो क्या जाने हूँ हूँ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ .....
भूल जाओगी भूल जाओगी
भूल जाओगी करना ये ठिठोली,
कोई मिल गया जो हमजोली
कैसे बच के रहोगी, आहें भर के कहोगी
मैं तो हार गयी हार गयी हार गयी

होए, अखियाँ भूल गयी हैं सोना,
दिल पे हुवा है जादू टोना
शहनाई वाले तेरी शहनाई रे कलेजवा को
चीर गयी, चीर गयी, चीर गयी
होय अखियाँ भूल गयी हैं सोना

आपस में मिलते दीवाने,
और हमसे हो रहे बहाने
और हमसे हो रहे बहाने
चितवन कमान पे जो ताने,
वो बान हमने पहचाने
वो बान हमने पहचाने
नजरों की ये घातें , चोरी चोरी मुलाकातें
हम जान गयी जान गयी जान गयी

होय, अखियाँ भूल गयी हैं सोना
दिल पे हुवा है जादू टोना
शेहनाई वाले तेरी शेहनाई रे कलेजवा को
चीर गयी, चीर गयी, चीर गयी

होय अखियाँ भूल गयी हैं सोना
....................................................................
Ankhiyan bhoo gayi hain sona-Goonj Uthi Shehnai 1959

Artists-Amita, Unknown face

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Nov 22, 2009

तेरे सुर और मेरे गीत -गूँज उठी शहनाई १९५९

विजय भट्ट ने दो महान फ़िल्में दी हैं बॉलीवुड को। ये हैं- बैजू बावरा
और गूँज उठी शहनाई । उसके पहले राम राज्य उनकी बहुत चर्चित
फ़िल्म रही जो सन १९४३ में आई थी । सिनेमा के माध्यम पर उनकी
पकड़ ज़बरदस्त थी। जिन्होंने फ़िल्म 'हरियाली और रास्ता' देखी है
(मनोज कुमार वाली) वे इस बात से जरूर सहमत होंगे की उनकी
फिल्मों में संगीत पक्ष मजबूत रहा है। चाहे पौराणिक, ऐतिहासिक
फ़िल्में हों या सामाजिक उन्होंने साधिकार अपने कला कौशल को
प्रदर्शित किया है। जिन दो फिल्मों का जिक्र मैंने ऊपर किया है ,
विजय भट्ट उनके निर्माता और निर्देशक भी थे। दोहरी भूमिका
निभाना कोई आसान काम नहीं । कला पक्ष और वाणिज्य दोनों को
साधना बहुत कम हस्तियों को नसीब हुआ है हिन्दी फ़िल्म जगत में।
यश चोपड़ा उनमे से एक हैं।

गूँज उठी शहनाई एक महाकाव्य है जिसमे भारत व्यास के गीत और
वसंत देसाई का संगीत है। इसके गीत सदाबहार और गहरी छाप
छोड़ने वाले हैं। शहनाई उस्ताद बिस्मिल्ला खान की शहनाई की
आवाज़ से से समृद्ध ये फ़िल्म 'क्लासिक' की श्रेणी से भी ऊपर स्थान
रखती है। ये गीत लता मंगेशकर की आवाज़ में है और उनके सर्वश्रेष्ठ
गीतों में से एक है। इस गीत के बोल सरल से हैं और फिल्मांकन भी
इसका सीधा सरल है। सादगी कभी कभी ज्यादा खूबसूरत नज़र आती
है। अभिनेत्री अमिता और राजेंद्र कुमार वो कलाकार हैं जो इसमे आपको
परदे पर दिखाई देंगे।



गाने के बोल:

तेरे सुर और मेरे गीत
दोनों मिलकर बनेगी प्रीत

तेरे सुर और मेरे गीत
दोनों मिलकर बनेगी प्रीत

धड़कन में तू है समाया हुआ
ख्यालों में तू ही तू छाया हुआ
हाँ आ ,धड़कन में तू है समाया हुआ
ख्यालों में तू ही तू छाया हुआ

दुनिया के मेले में लाखों मिले
मगर तू ही तू दिल को भय हुआ

मैं तेरी जोगन तू मेरा मीत,
दोनों मिलकर बनेगी प्रीत

तेरे सुर और मेरे गीत

मुझको अगर भूल जाओगे तुम
मुझसे अगर दूर जाओगे तुम
हाँ आ,मुझको अगर भूल जाओगे तुम
मुझसे अगर दूर जाओगे तुम

मेरी मोहब्बत में तासीर है
मेरी मोहब्बत में तासीर है
तो खिंचके मेरे पास आओगे तुम

देखो हमारी होगी जीत
दोनों मिलकर बनेगी प्रीत

तेरे सुर और मेरे गीत

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