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Dec 6, 2009

ये ज़िन्दगी उसी की है-अनारकली १९५३

इस गीत का जिक्र करना प्रासंगिक होगा। 'ये ज़िन्दगी उसी की है......'
और 'अलविदा.....अलविदा' शब्द सबसे ज्यादा लोकप्रिय शब्द हैं इस
गाने के । दूसरी बात- ये अनारकली फ़िल्म का सबसे ज्यादा लोकप्रिय
गीत है । इस अमर गीत की रचना करके राजेंद्र कृष्ण अपना नाम
इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज करा गए। इस गीत का एक एक कतरा
मुझे याद है। कितनी बार है इसको सुना गिनती नहीं। जीने का संदेश देता
ये गीत :

"धड़क रहा हैं दिल तो क्या, दिल की धड़कने गिन
फिर कहाँ यह फुरसतें, फिर कहाँ यह रात दिन
रही हैं यह सदा, मस्तियों में झूम जा"

इस गीत का दूसरा हिस्सा मन को झकझोरने वाला है।



गीत का दूसरा हिस्सा



गीत के बोल:

यह ज़िन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
यह ज़िन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया

यह ज़िन्दगी उसी की है

यह बहार यह समां कह रहा प्यार कर
किसी की आरज़ू में अपने दिल को बेकरार कर
ज़िन्दगी है बेवफा
ज़िन्दगी है बेवफा, लूट प्यार का मज़ा

यह ज़िन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
यह ज़िन्दगी उसी की है

धड़क रहा हैं दिल तो क्या, दिल की धड़कने न गिन
फिर कहाँ यह फुरसतें, फिर कहाँ यह रात दिन
आ रही हैं यह सदा, मस्तियों में झूम जा

यह ज़िन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
यह ज़िन्दगी उसी की है

part 2

दो दिल यहाँ न मिला सके, मिलेंगे उस जहाँ में
दो दिल यहाँ न मिला सके, मिलेंगे उस जहाँ में
खिलेंगे हसरतों के फूल, मौत के आसमान में
ये ज़िंदगी चली गई
ये ज़िंदगी चली गई जो प्यार में तो क्या हुआ

यह ज़िन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
यह ज़िन्दगी उसी की है

सुनाएगी दास्ताँ, शमा मेरे मज़ार की
सुनाएगी दास्ताँ, शमा मेरे मज़ार की
फिजा में भी खिली रही, ये कली अनार की
इसे मज़ार मत कहो
इसे मज़ार मत कहो, ये महल है प्यार का

यह ज़िन्दगी उसी की है जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया
यह ज़िन्दगी उसी की है

ए ज़िंदगी की शाम आ
ए ज़िंदगी की शाम आ, तुझे गले लगाऊँ मैं
तुझी में डूब जाऊं मैं
जहाँ को भूला जाऊं मैं
बसा एक नज़र मेरे सनम, अलविदा, अलविदा
अलविदा ...
अलविदा ...
अलविदा ...
अलविदा ...

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दुआ कर गम-ऐ-दिल -अनारकली १९५३

अविस्मर्णीय फ़िल्म है "अनारकली" । सन १९५३ में आई इस फ़िल्म
ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए । इसका संगीत भी इतना
लोकप्रिय हुआ कि लगभग हर संगीत प्रेमी के मन में इसके गीत सुनने
की ललक रहती। संगीतकार सी रामचंद्र के जीवन में भी फ़िल्म अलबेला
के बाद इतनी धूम किसी फ़िल्म के संगीत ने नहीं मचाई। इसका शुमार
आज तक की बनी १० सबसे सफलसंगीतमय फिल्मों में किया जाता है।
हिन्दी सिनेमा इतिहास की पीरियड फिल्मों में सबसे सफल फिल्मों में से
एक बनाने के लिए इसके निर्देशक नन्दलाल जसवंतलाल लंबे समय तक
याद किए जायेंगे। उन्होंने कई ऐतिहासिक और पौराणिक फ़िल्में बनाई हैं।
इस फ़िल्म ने इसकी अभिनेत्री को भी बहुत लोकप्रिय कराया। बीना राय
की ये शायद सबसे बड़ी फ़िल्म साबित हुई। फ़िल्म एक से बढ़कर एक गीतों
से भरी पड़ी है। ये जो गीत प्रस्तुत है इसके बोल लिखे हैं शैलेन्द्र ने।



गीत के बोल:

दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर

वफाओं का मजबूर दामन बिछा कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर
जो बिजली चमकती है उनके महल पर
वो कर ले तसल्ली, मेरा घर जला कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर

सलामत रहे तू, मेरी जान जाए
सलामत रहे तू, मेरी जान जाए
मुझे इस बहाने से ही मौत आए
करूंगी मैं क्या चंद साँसें बचा कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर

मैं क्या दूँ तुझे मेरा सब लुट चुका है
दुआ के सिवा मेरे पास और क्या है
मैं क्या दूँ तुझे मेरा सब लुट चुका है
दुआ के सिवा मेरे पास और क्या है
गरीबों का एक आसरा-ऐ-खुदा है
गरीबों का एक आसरा-ऐ-खुदा है
मगर मेरी तुझसे यही इल्तजा है
न दिल तोड़ना दिल की दुनिया बसा कर

दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर
वफाओं का मजबूर दामन बिछा कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर
दुआ कर गम-ऐ-दिल, खुदा से दुआ कर

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Oct 5, 2009

चिनालू चिनालू-चंगेज़ खान १९५७

कोरस वाले गाने मुझे हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं।
एक बहुत कम सुना गया गाना है फ़िल्म चंगेज़ खान से -
चिनालू चिनालू । चिनालू शब्द का मतलब मुझे मालूम नहीं
है और मेरा ये अनुमान है कि चीन से आए आलू का नाम शायद
चीन-आलू रखा गया होगा। इस गीत को लता मंगेशकर और
सुधा मल्होत्रा ने आवाजें दी हैं. बीना राय इस गाने में
लता की आवाज़ पे होंठ हिलती दिखाई पड़ती हैं।
संगीत है हंसराज बहल का । ये फ़िल्म एक दूसरे गाने के लिए
प्रसिद्ध हुई थी जिसका जिक्र आगे होगा। तब तक इस शानदार दोगाने का
लुत्फ़ उठाइए। इसके बोल लिखने की हिम्मत मैं बाद में करूंगा। धन्यवाद्।



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