Feb 24, 2015

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली प्रविष्टियाँ

गूगल ने ब्लॉगर को जितनी सुविधाएँ दी हुई हैं शायद किसी और साईट
के लिए संभव नहीं. यहाँ ब्लॉगर का तात्पर्य ब्लॉग लिखने वाले से है. इन
सुविधाओं में एक है- एनालिटिक्स. वैसे तो सामान्य सुविधाओं में ही
आपको इतने आंकड़े प्राप्त हो जाते हैं कि आपको अपने ब्लॉग की दिशा
तय करने में मदद मिलती है. गूगल में सपोर्ट भी बढ़िया है. बाकायदा
फोरम बने हुए हैं हर सर्विस के लिए.

आज आपको इस ब्लॉग पर अभी तक के सफर के बारे में बतलाते हैं.
२००८ से शुरू हुए इस ब्लॉग को ७ वर्ष पूरे हो गए हैं. इस सफर में आपने
तरह तरह की प्रविष्टियाँ पढ़ीं और सराहीं. सब पाठकों का एक बार फिर
से हार्दिक धन्यवाद. सबसे ज्यादा बार पढ़ी जाने वाली प्रविष्टियों की सूची
नीचे दे रहा हूँ  अंकों के साथ.

१.हिंदी फिल्मों में बरसात वाले गाने-नमक हलाल  संख्या १०९३९


२.तूने प्यार की बीन बजायी-आई मिलन की रात १९९१ संख्या ९७९७


३.दिल दिया है जान भी देंगे-कर्मा १९८६ संख्या ५०५३


४.तेरी मेरी मेरी तेरी प्रेम कहानी-बोडी गार्ड २०११ संख्या ४६५०


५.ओढनी ओढ़ के नाचूं-तेरे नाम संख्या ४३३१


६.मेरे दिल पे लगा दे डार्लिंग-बसंत १९६०  संख्या ३४९०


७.दाता एक राम-भजन-हरिओम शरण संख्या ३३९६


८.समय तू जल्दी जल्दी चल-कर्म संख्या ३०२७


९.प्यार के कागज़ पे-जिगर संख्या २४७५


१०.दिलवाले दिलवाले-नाटक १९४७ संख्या २२१९



११.अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो-कृष्ण भजन-लक्खा संख्या १८७०




१२.फ़िल्मी बरसात-देखो ज़रा देखो बरसात-ये दिल्लगी १९९४ संख्या १७३१


१३.किसने चिलमन से मारा-बात एक रात की १९६२ संख्या १४४६


ऊपर प्रविष्टियों के विश्लेषण करने के आद कुछ रोचक आंकड़े मिलते हैं.
प्रसिद्धि में  महानायक सबसे ऊपर हैं. बप्पी लहरी के संगीत वाले गीत
के साथ फिल्म शराबी के गीत के साथ. उसके बाद जो गाना दूसरे नंबर
पर है वो चौंका देने वाला है. प्यार की बीन इतनी बार बजेगी उम्मीद नहीं
थी. फिल्म आई मिलन की रात के गीत आज भी सुने जाते हैं. संगीत
समीक्षक सुन रहे हैं ?

उसके बाद काफी अंतर से फिल्म कर्मा का देशभक्ति गीत है.  ये गीत भी
अपने समय का एक लोकप्रिय गीत रहा है और आज भी चुनाव और
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बजता मिलेगा.

चौथे और पांचवे स्थान की पोस्ट और गाने से ये तो स्पष्ट है सलमान खान
लोकप्रियता में बहुत आगे हैं. दोनों गीत उनकी फिल्मों से हैं.

छठे नंबर पर चौंकाने वाली प्रविष्टि है. ओ पी नय्यर के सभी लोकप्रिय
गीतों को पीछे छोड़ ये कम सुना गया गीत जो कि निहायत मधुर गीत
है, फिल्म बसंतसे, सबसे आगे आया.

हरिओम शरण भजन गायकी में बहुत उच्च स्थान रखते हैं. उनका
भजन जोउनके सबसे पॉपुलर भजन में से एक है सातवें नंबर पर है.

आठवें स्थान पर है-आर डी बर्मन के संगीत वाला गीत फिल्म कर्म से.
समयतू जल्दी जल्दी चल. इसने अपने ही भाई-समय तू धीरे धीरे चल
को पीछेछोड़ दिया.शायद आज के समय में ज़ल्दी चलना मांग बन चुकी
है.

आनंद मिलिंद का संगीत -९० में पैदा हुई युवा पीढ़ी को बहुत भाता है.
नवेनंबर पर फिल्म जिगर का गीत है. इस सूची में आनंद मिलिंद का
ये दूसरागीत है.

लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की लोकप्रियता का अंदाज़ा आप दसवे नंबर पर
गीत से लगा सकते हैं-ये फिल्म नाटक से कम सुना गया गीत है, मगर
सुनने के मामले में सबसे आगे है. ये मेरी भी समझ के परे है. उनके इतने
सारे लोकप्रिय गीत यहाँ हैं मगर कम चर्चित रहे इस ब्लॉग के पाठकों के
बीच. शायद ब्लॉग की पहुँच या वर्गीकरण में कुछ ऐसा है जो समीक्षा
करने लायक है.

ग्यारहवे नंबर पर है लखबीर सिंह लक्खा का कृष्ण भजन-अरे द्वारपालों.
निस्संदेह ये पिछले कुछ वर्षों से काफी सुना गया है और लोकप्रिय है
भजन भक्तों के बीच.

फ़िल्मी बरसातों में दूसरा गीत जो संख्या में बारहवे नंबर पर है सैफ,
अक्षय और काजोल अभिनीत ये दिल्लगी से.

सचिन देव बर्मन का संगीत फिल्म बात एक रात की से. गौरतलब है
मन्ना डे का गाया गीत तेरहवे नंबर पर है पाठक संख्या के मामले में.
उन्होंने सारे नामचीन गायकों को इधर पीछे छोड़ दिया है. धन्यवाद
पाठकों मन्ना डे को इतना याद करने के लिए. उन्हें वो सराहना नहीं
मिली जिसके वे हक़दार थे.

इन आंकड़ों से पता चलता है कि ब्लॉग किस दिशा में सफर कर रहा
है. ज़रूर ही अलग हट के ट्रेंड बन रहा है इसका. पाठक वर्ग क्या चाहता
है उसका भी अंदाजा सहज लगता है आंकड़ों के विश्लेषण से.

उजागर, अप्रकट, गुप्त एवं सुप्त सभी प्रकार के पाठकों का धन्यवाद.

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