कबूतर जा जा जा-मैंने प्यार किया १९८९
पहले की डाक व्यवस्था कबूतर ही सँभालते थे. अब वे
किस टेक्नोलोजी से काम करते थे मुझे नहीं मालूम
किन्तु सयानों से ये अवश्य सुना है कि बेहद सटीक सी
व्यवस्था थी कबूतरों की. सन्देश पहुँचने की गारंटी होती
थी. इस काम के लिए कबूतरों को विशेष प्रशिक्षण दिया
जाता था. .
फ़िल्मी गीतों में कबूतरों का जिक्र समय समय पर होता
आया है. कबूतर शांति का प्रतीक भी माना जाता है. फिल्म
मैंने प्यार किया के लिए इलेक्ट्रोनिक कबूतरों का प्रयोग
हुआ था जैसा कि उस समय की मसाला पत्रिकाओं में छपा
था. अब ये तो निर्देशक ही दावे से कह सकता है कि ये
पक्षी इलेक्ट्रोनिक थे या कुछ और. फिल्म में कबूतरों का
काफी रोल है. उल्लेखनीय है कि उन्होंने अभिनय भी बढ़िया
किया है. फिल्म की सफलता में कबूतरों का योगदान भी
है.
तो सुना जाए फिल्म से ये गीत जिसे असद भोपाली ने लिखा
है और राम लक्ष्मण ने संगीत से संवारा है, गायिका को आप
पहचानते हैं. फिल्म की अभिनेत्री भाग्यश्री पटवर्धन हैं.
गीत के बोल:
जा जा, जा जा
कबूतर जा जा जा, कबूतर जा जा जा
पहले प्यार की पहली चिट्ठी साजन को दे आ
कबूतर जा जा जा
कबूतर जा जा जा
उनसे कहना, जब से गये तुम, मैं तो अधूरी लगती हूँ
इन होंठों पे चुप सी लगी है, न रोती न हँसती हूँ
भूल हुई जो उन्हें सताया, कैसा पाप किया
कबूतर जा जा जा
कबूतर जा जा जा
मन ही मन में उनको अपना सब कुछ मान चुकी हूँ मैं
वो क्या है, मैं कौन हूँ उनकी, अब ये जान चुकी हूँ मैं
उनको अपने साथ ही लाना, दिल ही नहीं लगता
कबूतर जा जा जा
कबूतर जा जा जा
यहाँ का मौसम बड़ा हसीं है, फिर भी प्यार उदास है
उनसे कहना, दूर सही मैं दिल तो उन्हीं के पास है
तू ये संदेशा उनको सुनाना, मैं पीछे आया
कबूतर जा जा जा
कबूतर जा जा जा
जहाँ भी देखूँ तुम ही तुम हो, और नज़र न कुछ आये
दिल ये चाहे इस आलम में काश ज़माना रुक जाये
आज से पहले कभी नहीं थी इतनी हसीं दुनिया
कबूतर जा जा जा
कबूतर जा जा जा .
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Kabootar ja ja ja-Maine pyar kiya 1989