Nov 16, 2025

बाँधी रे काहे प्रीत-संकोच १९७६

रुपहले परदे का माया यही है जब आप चमक रहे होते हैं तो सब 
वाह वाह करते हैं और आपको दिल-ओ-जान से याद किया करते
हैं. एक बार आप हाशिये पर पहुंचे तो कोई पूछने वाला नहीं बचता

नवम्बर के इस महीने में कुछ दिल्मी कलाकार इस दुनिया को फानी
कह गए उनमें से एक हैं अपने ज़माने की खूबसूरत और प्रतिभा
संपन्न अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित.

अभिनेता संजीव कुमार से वो विवाह करना चाहती थीं. नियति 
को कुछ और मंजूर था. संजीव कुमार असमय संसार छोड़ चले
उसके बाद सुलक्षणा पंडित आजीवन अविवाहित रहीं. 

दर्शकों और सिने प्रेमियों से पूछा जाये तो अधिकांश यही बात 
कहेंगे कि इन दोनों का विवाह हो जाना था.

सुलक्षणा पंडित की आवाज़ में एक गीत सुनते हैं फिल्म 
संकोच का. इसे लिखा है एम् जी हशमत ने और धुना बनायींई
है कल्यानजी आनंदजी ने. अपने समय का ये एक बेहद चर्चित
गीत है.


गीत के बोल:

बांधी रे काहे प्रीत
पिया के संग अंजानी रीत

बांधी रे काहे प्रीत
पिया के संग अंजानी रीत

बाली उमर में मैं ना समझी
बाली उमर में मैं ना समझी
क्या है प्रीत की रीत

बांधी रे काहे प्रीत, प्रीत
पिया के संग अंजानी रीत

पास रही तो मैं ना समझी
दूर हुई तो जाना
दूर हुई तो जाना
प्यार में कैसे अपना बन के
कोई बने बेगाना

कैसे बचेगा अब जीवन
कैसे बचेगा अब जीवन
बिन साथी बिन मिलो

बांधी रे काहे प्रीत, प्रीत
पिया के संग अंजानी रीत

अंग लगी है पेड़ की बेला
लहर को मिले किनारा
लहर को मिले किनारा
बिन साजन के मैं हूँ अकेली
मेरा कौन सहारा
ऐसा सूना लागे जीवन
ऐसा सूना लागे जीवन
जैसे सुर बिन गीत

बांधी रे काहे प्रीत, प्रीत
पिया के संग अंजानी रीत
बाली उमर में मैं ना समझी
बाली उमर में मैं ना समझी
क्या है प्रीत की रीत

बांधी रे काहे प्रीत, प्रीत
पिया के संग अंजानी रीत.
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Bandhi re kaahe preet-Sankoch 1976

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हम भी राहों में खड़े हैं(युगल गीत)-सलाम मेमसाब १९७९

असरानी की बात चली तो एक और गीत सुनते हैं असरानी द्वारा 
निर्मित एक अन्य फिल्म का.   फिल्म का नाम सलाम मेमसाब है जो
 सन १९७९ में आई थी. इसमें असरानी संग ज़रीना वहाब की मुख्य
भूमिकाएं हैं.
 
३०० से ज्यादा फिल्मों और ५० साल के कैरियर में असरानी ने कई 
अविस्मरनीय भूमिकाएं की हैं.उनके कार्यों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय 
तो निस्संदेह फिल्म शोले का जेलत वाला किरदार है. उसके अलावा
हमें सोशल मीडिया पर एक मीम अक्सर दिखाई देता है जिसमें असरानी 
"ये क्या देखना पद रहा है" कहते दिखाई देते हैं. ये है फिल्म धमाल 
का दृश्य.

आपको याद होगा फिल्म छोटी सी बात जिसमें अमोल पालेकर
और विद्या सिन्हा प्रमुख कलाकार हैं. उसमें भी सेकंड लीड
असरानी हैं.
 
प्रस्तुत गीत मजरूह का लिखा हुआ है जिसकी धुन तैयार की है 
आर डी बर्मन ने . ये एक हल्का फुल्का गीत है जिसका दुखद तर्जुमा 
भी फिल्म में मौजूद है जिसे लता मंगेशकर ने गाया है.

 

 गीत के बोल:

सलाम साहब
अरे सलाम मेमसाहब
अरे जरा इधर भी नजर फेंकिए
आ हा हा हा
अरे बोनी तो हो गई ए जिओ राजा ए जिओ रानी

ओ ले लो ले लो दुवा किसी बेकरार की
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं

हम दुखों के पाले हैं, हाँ मगर दिलवाले हैं
एक नज़र पे रुक जाए, ऐसे हम मतवाले हैं
हो ओ ओ........
अपने हो या बेगाने, हम तो सबके दीवाने
हर गली में बाहो के हार हमने डाले हैं
ये ही तो है गलिया वो प्यार की
आनेवालो
आनेवालो मेरे दिल का नज़र देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं

दिल का साथी है जब दिल, कैसा रस्ता क्या मंजिल
चल पड़ो तो रस्ता है, ठहर जाओ तो मंजिल
रंग ये बाज़ारो का रूप ये दिलदारो का
जो नजारा देखो है चूम लेने के काबिल
हो ओ हवा खाने वालों मेरे गुलज़ार की
क्या हो थोड़ा सा ऐ भाई
क्या हो थोड़ा सा हमें भी अगर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं

हम तो चाहत से हारे फिरते हैं मारे मारे
तुम रहो हँसते बसते साथ हों चंदा तारे
फिर यूँ ही जाने जाना कल कहीं पे मिल जाना
हम चले गाते नगमे खुश रहो तुम भी प्यारे
हो ओ जाओ लूटो मजे शाम है बहार की
जाते जाते ओ मामू
जाते जाते हो सके तो इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
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Ham bhi rahon mein khade hain(duet)-Salaam Memsaab 1979

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Nov 15, 2025

तेरी कठपुतली हूँ-चला मुरारी हीरो बनने १९७७

जिसे आना है उसे जाना है. नश्वर संसार का यही नियम है. पिछले दिनों
बॉलीवुड के एक शानदार कलाकार असरानी अगली दुनिया को कूच कर
गए. अपने हास्य द्वारा लोगों कामनोरंजन करते करते उन्होंने कुछ गंभीर
किस्म की फ़िल्में बनाने कीकोशिश भी करी मगर जनता को उनका ये 
अंदाज़ शायद पसंद नहीं आया.

उनकी बनायीं १९७७ के फिल्म चला मुरारी हीरो बनने का एक गीत
सुनते हैं. इस फिल्म में हेमा मालिनी की भी भूमिका है. ये गीत उनीं पर
फिल्माया गया है जिसमें असरानी भी नाचते दिखलाई डे रहे हैं.

 

 गीत के बोल:
 
तेरी कह्पुटली हूँ नाचने निकली हूँ
नचा ले जैसा भी दिल चाहे अब तेरा
मैं कुछ न बोलूंगी तेरे संग डोलूँगी
हाय रे मैं हूँ तुम्हारी तू साजन है मेरा
तेरी कह्पुटली हूँ नाचने निकली हूँ
नचा ले जैसा भी दिल चाहे अब तेरा
मैं कुछ न बोलूंगी तेरे संग डोलूँगी
हाय रे मैं हूँ तुम्हारी तू साजन है मेरा
 
अब काहे का डरना जग से अब काहे की चोरी
बांध ली तेरे संग बलमवा जब ये प्रीत की डोरी
अब काहे का डरना जग से अब काहे की चोरी
बांध ली तेरे संग बलमवा जब ये प्रीत की डोरी
 
के बांके बावरिया बजा के पयलिया
रोज़ करती हूँ तुम्हारी गलियो का फेरा
 
तेरी कठपुतली हूँ नाचने निकली हूँ
नचा ले जैसा भी दिल चाहे अब तेरा
मैं कुछ न बोलूंगी तेरे संग डोलूँगी
हाय रे मैं हूँ तुम्हारी तू साजन है मेरा

राम कसम मैं सच कहती हूँ सुन ले ओ हमजोली
दो दिन में तू मेरे घर पे लाया न जो डोली
राम कसम मैं सच कहती हूँ सुन ले ओ हमजोली
दो दिन में तू मेरे घर पे लाया न जो डोली

तो मायके से चल के मैं खुद मेहँदी मल के
द्वार पे तेरे ओ जुल्मी लगा दूंगी डेरा
 
तेरी कठपुतली हूँ नाचने निकली हूँ
नचा ले जैसा भी दिल चाहे अब तेरा
मैं कुछ न बोलूंगी तेरे संग डोलूँगी
हाय रे मैं हूँ तुम्हारी तू साजन है मेरा
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Teri kahputli hoon-Chala MUrari Hero Banne 1977

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