असरानी की बात चली तो एक और गीत सुनते हैं असरानी द्वारा
निर्मित एक अन्य फिल्म का. फिल्म का नाम सलाम मेमसाब है जो
सन १९७९ में आई थी. इसमें असरानी संग ज़रीना वहाब की मुख्य
भूमिकाएं हैं.
३०० से ज्यादा फिल्मों और ५० साल के कैरियर में असरानी ने कई
अविस्मरनीय भूमिकाएं की हैं.उनके कार्यों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय
तो निस्संदेह फिल्म शोले का जेलत वाला किरदार है. उसके अलावा
हमें सोशल मीडिया पर एक मीम अक्सर दिखाई देता है जिसमें असरानी
"ये क्या देखना पद रहा है" कहते दिखाई देते हैं. ये है फिल्म धमाल
का दृश्य.
आपको याद होगा फिल्म छोटी सी बात जिसमें अमोल पालेकर
और विद्या सिन्हा प्रमुख कलाकार हैं. उसमें भी सेकंड लीड
असरानी हैं.
प्रस्तुत गीत मजरूह का लिखा हुआ है जिसकी धुन तैयार की है
आर डी बर्मन ने . ये एक हल्का फुल्का गीत है जिसका दुखद तर्जुमा
भी फिल्म में मौजूद है जिसे लता मंगेशकर ने गाया है.
गीत के बोल:
सलाम साहब
अरे सलाम मेमसाहब
अरे जरा इधर भी नजर फेंकिए
आ हा हा हा
अरे बोनी तो हो गई ए जिओ राजा ए जिओ रानी
ओ ले लो ले लो दुवा किसी बेकरार की
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
हम दुखों के पाले हैं, हाँ मगर दिलवाले हैं
एक नज़र पे रुक जाए, ऐसे हम मतवाले हैं
हो ओ ओ........
अपने हो या बेगाने, हम तो सबके दीवाने
हर गली में बाहो के हार हमने डाले हैं
ये ही तो है गलिया वो प्यार की
आनेवालो
आनेवालो मेरे दिल का नज़र देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
दिल का साथी है जब दिल, कैसा रस्ता क्या मंजिल
चल पड़ो तो रस्ता है, ठहर जाओ तो मंजिल
रंग ये बाज़ारो का रूप ये दिलदारो का
जो नजारा देखो है चूम लेने के काबिल
हो ओ हवा खाने वालों मेरे गुलज़ार की
क्या हो थोड़ा सा ऐ भाई
क्या हो थोड़ा सा हमें भी अगर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
हम तो चाहत से हारे फिरते हैं मारे मारे
तुम रहो हँसते बसते साथ हों चंदा तारे
फिर यूँ ही जाने जाना कल कहीं पे मिल जाना
हम चले गाते नगमे खुश रहो तुम भी प्यारे
हो ओ जाओ लूटो मजे शाम है बहार की
जाते जाते ओ मामू
जाते जाते हो सके तो इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं
.................................................................................
Ham bhi rahon mein khade hain(duet)-Salaam Memsaab 1979
Read more...